देहरादून. इस साल मानसून बीत जाने के बाद से एक बार भी उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में बारिश नहीं हुई है, जिसके चलते मौसम शुष्क बना हुआ है. वातावरण में आद्रता की कमी के चलते हवा में धूल और कई तरह के कण तैर रहे हैं. हाल ही में पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के मानकों के हिसाब से देहरादून के हवा खराब श्रेणी के करीब पहुंच गई है. दिवाली से देहरादून की आबो हवा में प्रदूषण बढ़ा हुआ नजर आ रहा है. दिवाली के बाद से लगभग 300 पार पहुंचने के बाद अब देहरादून का एयर क्वालिटी इंडेक्स 170 पर पहुंच गया है. इससे भी देहरादून में रहने वाले लोगों की सेहत पर बुरा असर पड़ रहा है.

देहरादून के दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल के एमएस और टीबी और छाती रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अनुराग अग्रवाल ने लोकल 18 को जानकारी देते हुए कहा कि राजधानी देहरादून में ट्रैफिक का दबाव बढ़ रहा है और वीकेंड में वाहनों का आवागमन बढ़ जाता है जोकि एक बड़ा कारण माना जा सकता है. वहीं दिवाली और शादियों में आतिशबाजी करने, वाहनों की बढ़ती संख्या, जगह-जगह कंस्ट्रक्शन होने के चलते देहरादून में प्रदूषण का लेवल बढ़ा हुआ है. वहीं मौसम शुष्क होने से वातावरण में स्मोक और फॉग मिलाकर स्मॉग बना रहे हैं. इससे सांस से संबंधित मरीजों के श्वसन तंत्र सिकुड़ जाते हैं, जिससे उन्हें दिक्कत होती है. वहीं हृदय और किडनी से संबंधित मरीजों को भी इससे नुकसान हो सकता है. उन्हें अपने स्वास्थ्य के प्रति विशेष ध्यान रखने की जरूरत होती है.

सुबह जल्दी मॉर्निंग वॉक पर न निकलें
डॉक्टर अनुराग ने आगे कहा कि सुबह जल्दी मॉर्निंग वॉक पर न निकलें. इसके साथ ही शरीर में तरलता की मात्रा बनाए रखें और बहुत ज्यादा तले हुए भोजन का सेवन न करें. पुराने मरीजों को ऐसे में समस्या हो सकती है. बलगम जमना, कफ और खांसी की समस्या होना, इन्फेक्शन होना आदि लक्षण दिखने पर तुरंत अस्पताल जाकर इलाज कराएं.

अस्पतालों को दिशा निर्देश जारी
देहरादून जनपद के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संजय जैन ने जानकारी देते हुए कहा कि जिले में इन दिनों वायु प्रदूषण देखने के लिए मिल रहा है. AQI के बढ़े स्तर के चलते बुजुर्गों में सांस लेने की तकलीफ सहित कई परेशानियां बढ़ रही हैं. उन्होंने कहा कि सभी अस्पतालों को एसओपी जारी की गई है कि ओपीडी में श्वास संबंधी, डायबिटीज और हाइपरटेंशन से जूझ रहे बुजुर्ग मरीजों का सही इलाज किया जाए. इसकी निगरानी की जा रही है.

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