गोपेश्वर (उत्तराखंड). उत्तराखंड के हिमालय में स्थित सिख तीर्थस्थल हेमकुंड साहिब 25 मई को श्रद्धालुओं के लिए खुलेगा. श्री हेमकुंड साहिब प्रबंधन न्यास के अध्यक्ष नरेंद्रजीत सिंह बिंद्रा ने बृहस्पतिवार को बताया कि धाम के कपाट 25 मई को खुलेंगे और 10 अक्टूबर को बंद होंगे. उन्होंने श्रद्धालुओं से इसी के अनुसार अपनी योजना बनाने का अनुरोध किया.

हेमकुंड साहिब उत्तराखंड के सीमावर्ती चमोली जिले में बदरीनाथ धाम के नजदीक है. समुद्रतल से करीब 15 हजार फुट की ऊंचाई पर स्थित यह तीर्थस्थल सर्दियों में बंद रहता है. पुलना से हिमालय में स्थित गुरुद्वारे तक के कठिन 17 किलोमीटर रास्ते के बावजूद हर साल भारत और दुनिया से बड़ी संख्या में श्रद्धालु मत्था टेकने यहां पहुंचते हैं.

सर्दियों में बर्फबारी के कारण गुरुद्वारे के कपाट हो जाते हैं बंद
उन्होंने बताया कि सर्दी का मौसम आने के साथ ही बर्फबारी शुरू हो जाती है ऐसे में हेमकुंड साहिब का रास्ता बंद हो जाता है और गुरुद्वारे तक पहुंचना लोगों के लिए मुश्किल होता है. इसी बात को ध्यान में रखते हुए हर साल सर्दियों के मौसम में गुरुद्वारे के कपाट बंद कर दिए जाते हैं और फिर बर्फबारी बंद होने के बाद गुरुद्वारे में दर्शन शुरू हो जाते हैं. सामान्य दिनों में हेमकुंड साहिब गुरुद्वारे के कपाट 25 मई को खोल दिए जाते हैं लेकिन इससे पहले मौसम की स्थिति जरूर देखी जाती है.

बीते साल 2 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने टेका था मत्‍था
श्री हेमकुंड साहिब प्रबंधन न्यास ने श्रद्धालुओं से दर्शन का प्लान बनाने की अपील की है. बीते साल भी 20 मई को श्री हेमकुंड साहिब के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोले गए थे. बीते साल 2 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने गुरु दरबार साहिब में हाजिरी भरी व माथा टेका था.

बर्फबारी के कारण यात्रा होती है बाधित, तो सेना के जवान करते हैं ये कामहर साल की तरह हेमकुंड साहिब यात्रा के बर्फबारी के चलते कई बार यात्रा बाधित होती है, लेकिन हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं. श्री हेमकुण्ड साहिब में भारतीय सेना के जवान बर्फ हटाने का काम करते हैं. श्री हेमकुंड साहिब की यात्रा एवं गुरु महाराज के सम्मुख मत्था टेकने के लिए प्रतिवर्ष देश-विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं.

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