प्राचीन आयुर्वेदिक शास्त्रीय पद्धति को बचाने और इस दुर्गम क्षेत्र में स्थानीय लोगों को रोजगार हेतु सन 1978 में केंद्र सरकार ने आईएमपीसीएल मोहान अल्मोड़ा की स्थापना की जिससे कि हमारी हजारों साल पुरानी आयुर्वेदिक शास्त्रीय पद्धति जीवित रहे और वह इस देश के जन-जन तक पहुंचे परंतु हमारी वर्तमान भारत सरकार जो प्रचार और प्रसार तो योग और आयुर्वेद का करती है वही इस सरकारी संस्थान को अपने पूंजीपति मित्रों को बेचकर यहां होटल व रिजॉर्ट बनाना चाहती है ।हमारी डबल इंजन सरकार जागे भगवान इनको सद्बुद्धि दे। चुनिंदा पूंजीपति मित्रों के लिए कार्य न करे । देश की अन्य जनता के बारे में भी सोचें । इस देश के सरकारी संस्थानो का स्वामित्व इन पूंजीपतियों को ना सौपें , जो स्वामित्व सरकार के पास होने आवश्यक है । क्योंकि पूंजीपतियों का मुख्य उद्देश्य अपने निजी फायदे होते है । सरकारी संस्थान हमेशा जनता के हितों के लिए कार्य करते हैं।ट्रेड यूनियन आईएमपीसीएल कर्मचारी संघ सत्ता पक्ष से लगातार 4-5 साल से वार्ता करते हुए आ रहा है । तीन जिलों के मध्य में स्थित पिछडे क्षेत्र में यह संस्थान स्थित है। संस्थान अपने स्थापना काल से लगातार लाभ में है ।आईएमपीसीएल मोहान अल्मोड़ा इस प्रदेश की ही नहीं इस देश की भी सर्वप्रथम आयुर्वेदिक व यूनानी औषधि निर्माण करने वाली आयुष मंत्रालय का एकमात्र सरकारी संस्थान है । जिसका मुख्य उद्देश्य प्राचीन आयुर्वेदिक व यूनानी औषधि निर्माण की पद्धति को संरक्षित करना और यहां के पिछडे क्षेत्र में स्थित लोगों को रोजगार देना है।देवभूमि के इस शांत क्षेत्र में अशांति व डर का माहौल बन गया है । इस क्षेत्र के प्रत्यक्ष /अप्रत्यक्ष रूप से 5000 लोग अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं । क्योंकि सभी परिवार की आजीविका आईएमपीसीएल मोहान अल्मोड़ा पर निर्भर है ।
FIRST PUBLISHED : November 3, 2024, 17:27 IST