अल्मोड़ा. उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के प्रसिद्ध मंदिरों को मानस खंड मंदिर माला मिशन के तहत विकसित किया जा रहा है, जिसमें जागेश्वर धाम और कसार देवी को जोड़ने वाली सड़क का चौड़ीकरण होना है. सड़क चौड़ीकरण की राह में पेड़-पौधे भी बाधा बन रहे हैं, इसको लेकर वन विभाग और पीडब्ल्यूडी विभाग के द्वारा पेड़ों पर निशान लगाए गए हैं.
अल्मोड़ा के कसार देवी में भी सड़क का चौड़ीकरण होना है और यहां पर भी जितने पेड़ सड़क निर्माण में बाधा बन रहे हैं उन पर निशान लगाए गए हैं. जिसमें देवदार, चीड़ और तमाम अन्य प्रजातियों के पेड़ शामिल हैं. पपर शैली से लेकर कसार देवी तक करीब 500 से ज्यादा पेड़ों पर निशान लगाए गए हैं. हालांकि स्थानीय लोगों का कहना है कि आधे से ज्यादा देवदार के पेड़ों में निशान लगाए गए हैं, जिन्हें बिल्कुल भी काटने नहीं दिया जाएगा.
प्रकृति की सुंदरता होगी खत्म
स्थानीय निवासी साधु सिंह ने कहा कि अगर इतने पेड़ कटेंगे, तो प्रकृति की सुंदरता खत्म हो जाएगी, पर्यावरण दूषित हो जाएगा. कसार देवी में लोग यहां की प्राकृतिक सुंदरता को देखने के लिए ही आते हैं. अगर क्षेत्र की सुंदरता नहीं रहेगी, तो यहां पर आदमी क्यों आना पसंद करेगा. उनका मानना है कि अगर पेड़ काटे जाएंगे, तो यहां के प्राकृतिक स्रोत सूख जाएंगे, आने वाले समय में सभी के लिए दिक्कत पैदा हो जाएगी. उन्होंने बताया कि पेड़ काटे नहीं जाने चाहिए, यदि पेड़ काटे जाएंगे तो आने वाले समय में हम विनाश की ओर अग्रसर हो जाएंगे.
स्थानीय निवासी सोम तिवारी ने कहा कि कसार देवी की शोभा देवदार के पेड़ों से हैं. यदि यही पेड़ कट जाएंगे तो यहां की शोभा आदि खत्म हो जाएगी. सड़क का अन्य तरह से चौड़ीकरण किया जाना चाहिए. पेड़ तो वैसे भी प्रकृति की सुंदरता को बढ़ाते हैं और देवदार के पेड़ कम ही जगह पर पाए जाते हैं. इसके लिए सरकार और प्रशासन को कुछ और विचार विमर्श करना चाहिए.